दुल्हन करती रही इंतजार, दूल्हे के घर 8 की मौत: भाई बोला- बारात का पूछने के लिए फोन किया, बस रोने की आवाज आई

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दुल्हन के घर पर टेंट लगा था। घर का हर व्यक्ति शादी की तैयारियों में जुटा था। शादी के गीत गाए जा रहे थे। अचानक बारात के बारे में पूछने के लिए फोन किया तो बस रोने की आवाज सुनाई दी। फिर पूरे घर में मायूसी छा गई। दुल्हन जहां खड़ी थी, वहीं, बैठ गई। एक टक अपनी मेहंदी को निहारती रही। दूल्हे और उसके परिवार के ठीक होने की दुआ मांगती रही। शादी स्थगित कर दी गई। दुल्हन के भाई आनन-फानन में जोधपुर के लिए रवाना हो गए। घर में बस बड़े-बुजुर्ग और महिलाएं बचीं। शादी के लिए लगा टेंट और शामियाना भी हटा दिया गया था। अब कोई नहीं जानता कि शादी कब होगी। बाड़मेर के खोखसर(गिड़ा) गांव का ये वही घर है, जहां जोधपुर के शेरगढ़ से बारात आने वाली थी, लेकिन सिलेंडर ब्लास्ट के बाद खुशियां मातम में बदल चुकी थीं। 8 लोगों की मौत के साथ-साथ दूल्हा भी बुरी तरह झुलस गया था। शादी के लिए दुल्हन के परिवार ने पूरी तैयारी कर ली थी। फेरों से कुछ घंटों पहले सूचना मिली कि दूल्हे के घर में गैस सिलेंडर फटने से आग लग गई। दूल्हा सहित 60 लोग जलने से घायल हो गए। इसके बाद दुल्हन के घर पर मायूसी छा गई और सभी गम में डूब गए। दुल्हन के भाई हेमसिंह ने बताया- शादी के लिए दो महीने से तैयारी चल रही थी। घर में चारों तरफ खुशी का माहौल था। हर कोई शादी के काम में बिजी था। घर में बीते तीन दिन से कार्यक्रम चल रहे थे। हमारी तो भगवान से यह प्रार्थना है कि घायल जल्दी से स्वस्थ्य हो जाएं।
300 मेहमान आए हुए थे
दुल्हन के भाई भंवरसिंह ने बताया- खोखसर गांव में सभी मेहमान व लोग आए हुए थे। तब मैंने फोन करके पूछा कि बारात रवाना हुई है या नहीं। तब पता चला कि हादसा हो गया है। हमारे घर पर करीब 300 मेहमान थे।
दुल्हन के पिता से छुपाई घटना
दुल्हन के भाई हेमसिंह सिंह ने बताया कि जब फोन किया तो किसी बच्चे ने उठाया। पीछे से रोने की आवाज सुनाई देने लगी। दुल्हन के पिता हार्ट के पेशेंट थे। इस वजह से उनको कुछ नहीं बताया। पहले सभी मेहमानों को खाना खिलाया। डरते-डरते पिताजी को बताया। दुल्हन के पिता विजयसिंह की तीन बेटियां व 7 बेटे हैं। ओम कंवर सबसे छोटी बेटी है। करीब एक साल पहले ओम कंवर की शादी तय की थी।
हादसे की जगह से दुल्हन का घर 30 किलोमीटर दूर
दुल्हन के भाई हेमसिंह के मुताबिक बहन की बारात जहां से आनी थी, वहां से दुल्हन का घर करीब 30 किलोमीटर दूर है। बारात रवाना होने के बाद खोखसर गांव पहुंचने में एक घंटे का समय लगता। इससे पहले 3 बजे हादसा हो गया।
आटा-साटा में हो रही थी शादी
इस हादसे के बाद दो शादियां टल गई हैं। दूल्हे सुरेंद्र सिंह की बारात बाड़मेर के खोखसर जानी थी, जबकि उसके साले की शादी सुरेंद्र सिंह की भतीजी से होने वाली थी। दोनों शादी आटा-साटा प्रथा के तहत हो रही थी।

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By Media Desk Media Team
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