Cyclone Biporjoy:बालोतरा SDM, DSP,तहसीलदार एवम् विधुत विभाग, पुलिस ही ड्यूटी पर थे और बाकी सारे अधिकारी इस आपदा में चादर तान कर सो रहे थे

बालोतरा में आफत बना बिपरजॉय, मूशलाधार बरसात से आधा बालोतरा डूबा

Julia Honkimäki
खबर की सुर्खिया
  • रोम जल रहा था और नीरो बांशुरी बजा रहा था कहावत को बालोतरा नगर परिषद की सभापति व आला अधिकारियों ने किया चरित्रार्थ।
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निचले इलाको में जलभराव को खाली करवाते हुए sdm विवेक व्यास

बालोतरा एसडीएम विवेक व्यास, बालोतरा डीएसपी नीरज शर्मा,एवम् पचपदरा तहसीलदार इमरान खान एवम् विधुत विभाग, पुलिस ही ड्यूटी पर थे और बाकी सारे अधिकारी इस आपदा में चादर तान कर सो रहे थे शहर में जल निकासी और सिवरेज की जिम्मेदारी नगर परिषद की होती हैं उसके आयुक्त शिवपाल सिंह पूरी रात कुंभकरण की नींद सो रहे थे पूरी नगर परिषद भ्रष्टाचार के भेट चढ़ी हुई हैं

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निचले इलाको में जलभराव को खाली करवाते हुए sdm विवेक व्यास

रोम जल रहा था और नीरो बांशुरी बजा रहा था, कहावत को बालोतरा नगर परिषद के आला अधिकारी और चेयरपर्सन श्रीमती सुमित्रा जैन ने उस वक्त सार्थक कर दिया, जब बिपरजाय तुफान शहरवासियों पर आफत का कहर बरपा रहा था। मूशलाधार बरसात से जल मग्न हुए प्रभावित क्षेत्रों के वाशिंदे राहत के लिए पुकार कर रहे थे। एक मात्र उपखण्ड अधिकारी विवेक व्यास और डीएसपी नीरज शर्मा इस विकट घडी़ में शहरवासियों के लिए मशीहा बने और शनिवार को दिन व पूरी रात प्रभावित इलाकों के लोगों की मौके पर पहुंच सार-संभाल लेते नजर आए।

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रात्रि में स्थति को संभालती हुई dsp नीरज शर्मा


बिपरजॉय चक्रवात तूफान के कारण बालोतरा शहर में पिछले कई घंटों से बारिश जमकर बरसी। करीब 7 से 10 घंटे तक मूसलाधार बारिश शनिवार को दिन व रात्रि से रविवार दोपहर तक रुक-रुककर जारी रही। इससे बालोतरा शहर के निचले क्षेत्र पुराना बस स्टेण्ड, नयापुरा, राजकीय नाहटा जिला अस्पताल, बिजली घर, शास्त्री सर्कल, समदड़ी रोड, भगतसिंह सभा स्थल, नेहरू कॉलोनी व बीपीएल क्वार्टर क्षेत्र सहित कई ईलाकों की सड़कें तालाब बन गई। लोगों के घरों में पानी घुस गया। आधे से ज्यादा बालोतरा शहर की जनता बिफरजोय के प्रकोप से त्रस्त रही। पचपदरा विधायक महोदय तो इस आपदा के समय राजस्थान से बाहर गए हुए होने के कारण इस विपदा की इस विकट घडी़ में प्रभावित परेशान लोगों के आंसू नही पोंछ पाए।
बालोतरा शहर में शनिवार को दिन और पूरी रात तथा रविवार दोपहर तक बिपरजॉय तूफान बालोतरा वासियों के आफत बन गया है। पिछले 7 से 10 घंटे से भी ज्यादा समय तक लगातार मूशलाधार बारिश का मंजर बदस्तूर जारी रहा। तेज बारिश के चलते आधा शहर पानी में डूब या। बालोतरा शहर के निचले ईलाकों ने जलाशय का रूप अख्तियार कर लिया। कई प्रमुख सड़कों व कॉलोनियों में स्थित घरों में पानी भर गया। नगर परिषद के अधिकारियों की शहर के प्रति पहली जवाबदेही बनती है कि विपदा के समय शहरवासियों को राहत पहुंचाने के लिए जी-जान से जुट जाएं।

मगर तूफान की पूर्व जानकारी होने के बावजूद सभापति व अधिकारियों की ओर से बरती गई लापरवाही का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ा, जो कि बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है। नए बस स्टेण्ड के पास से गुजर रहे बड़े नाले पर नगर परिषद के कारिन्दों की मिलीभगत से जमीन पर हुए कब्जों के चलते नाला बहुत ही संकड़ा हो गया और उसमें भी अवैध इकाइयों का गंदा पानी और कंटीली झाड़ियों ने नाले को अवरूद्ध कर दिया। यही हाल नयापुरा, शास्त्री सर्कल व पुराना बस स्टेण्ड पर बने वाई आकार के पुल, जिसमें गंदे व बरसाती पानी के निकासी की सुचारू व्यवस्था नहीं होने से आमजन को परेशानी का सामना करना पडा़। बालोतरा शहर में तो हर समय हल्की बारिश से भी हालात बद से बदत्तर हो जाते है, तो इतने बड़े तूफान को नगर परिषद के आला अधिकारियों न सभापति ने हल्के में क्यों लिया ? यह एक विचारणीय पहलू है। तूफान आने से पूर्व में तैयारी की जानी चाहिए थी, उसमें जबरदस्त लापरवाही बरती गई। इसका खामियाजा बालोतरा की जनता को भुगतना पड़ा। शहर की जनता को रातभर अपने आपकों को कोसती रही। बीपीएल आवास में रहने वालों की पीड़ा तो बहुत ही दयनीय थी।

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रेलवे अंडर पास में जलभराव होने से रास्ते को बंद करवाते हुए dsp नीरज शर्मा,ci उगमराज सोनी


बालोतरा की जनता को इस आपदा के लिए किसके भरोसे छोड़ा गया और क्यों बरती गई लापरवाही ! क्या नगर परिषद की सभापति और नगरपरिषद के आला अधिकारियों की कोई जवाब देही नही बनती ? क्या तूफान की जानकारी के बाद भी रेस्क्यू टीम क्यों नहीं तैनात की गई ? यदि तैनात की गई थी, तो रात्रि में वह टीम कहां गुम हो गई? जैसे कई अनुत्तरित सवाल जनता जानार्दन से मुखर हो रहे हैं। अभी भी सुधार नहीं हुआ तो कोई बड़े हादसा होने में देर नही लगेगी। गनीमत रही कि शनिवार रात्रि में कोई अप्रिय घटना घटित नही हुई।

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शास्त्री चौक का पेनोरमा दर्शय


बारिश का प्रकोप और भी जारी रहने के समाचार है। इस प्रकार से बरती जा रही लापरवाही के कारण हालात और भी भयावह बन सकते हैं। क्या मामले में मात्र उपखंड अधिकारी की ही जवाब देही बनती है, जो रातभर पीड़ितों के लिए राहत के प्रयास करते रहें। शहर के जागरुक लोगों ने नगरपरिषद के अधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की ओर से आफत के समय में बरते गए ऐसे लापरवाह रवैये की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा की जनता पीड़ा भोग रही थी और सभापति और नगर परिषद के अधिकारी सोते रहे। पूरी रात लोगों ने आंखों में बिताई। उपखंड अधिकारी विवेक व्यास और डीएसपी नीरज शर्मा के अलावा नगर परिषद के अधिकारी और सभापति चैन की नींद सोए रहें। किसी भी पीड़ित के फोन का जबाब तक देना उचित नही समझा।

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शहर के मुख्य बाजार गौर का चौव्क में जलभराव से डूबी दुकाने


बाड़मेर और सिरोही जिले के कुछ हिस्सों में तबाही मचाने के बाद यह तूफान डीप डिप्रेशन में बदलकर आगे बढ़ रहा है, इसके चलते इसकी रफ्तार धीमी हो गई है और अब तूफान से ज्यादा बारिश अपना असर दिखा रही है।

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