Anek Movie: Ayushmann Khurrana ने इस बार किया हिम्मतवाला काम, Anubhav Sinha की ये फिल्म क्यों देखनी चाहिए

Anek Movie: Ayushmann Khurrana ने इस बार किया हिम्मतवाला काम, Anubhav   Sinha की ये फिल्म क्यों देखनी   चाहिए

Ayushmann Khurrana Movie Anek Review In Hindi: अनेक (Anek Movie Story) कहानी है नॉर्थईस्ट के हमारे उन लोगों की जो हमारे होकर भी खुद को हमारा नहीं समझते, क्यों नॉर्थईस्ट के लोग खुद को इंडिया का हिस्सा नहीं समझते? क्यों वहां के कुछ लोग इंडिया से अलग होना चाहते हैं? वहां शांति बहाल करने में दिक्कत क्या है? यही कहानी है अनेक की और ये कहानी कहनी बहुत जरूरी है. ये हमारे अपने लोगों की कहानी है, जिसे कहा जाना चाहिए और दमदार तरीके से कहा गया है.

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Anek Movie: Ayushmann Khurrana ने इस बार किया हिम्मतवाला काम, Anubhav   Sinha की ये फिल्म क्यों देखनी   चाहिए Anek Movie: आयुष्मान खुराना की कोई फिल्म जब भी आनी होती है तो लगता है इस बार क्या नया करेंगे.उन्होंने अपने लिए एक ऐसा milestone सेट कर दिया है कि उनसे उम्मीदें ज्यादा बढ़ गई हैं. एक्टिंग- आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) एक अंडरकवर कॉप के किरदार में हैं और हर बार की तरह इस बार लुक से लेकर अंदाज अलग है. इस बार भी स्क्रीन पर आयुष्मान को देखकर आपको लगता है कि ये बंदा इतना कमाल कैसे है. हर सीन में आयुष्मान (Ayushmann Khurrana) अपनी छाप छोड़ते हैं. andra kevichusa नॉर्थ ईस्ट की ऐसी लड़की के किरदार में हैं, जो इंडिया के लिए बॉक्सिंगकरना चाहती है, लेकिन उसके अपने ही लोग खुद को इंडिया का हिस्सा नहीं समझते. इस किरदार में एंड्रिया सूट करती हैं. आयुष्मान (Ayushmann Khurrana) के बॉस के किरदार में मनोज पाहवा (Manoj Pahwa)  लाजवाब हैं. जेडी चक्रवर्ती और कुमुद मिश्रा का किरदार भी कमाल का है. नॉर्थ ईस्ट के सारे कलाकारों ने कमाल का काम किया है और हर किरदार अपनी छाप छोड़ता है. Ayushmann Khurrana Movie Anek Review In Hindi: अनेक (Anek Movie Story) कहानी है नॉर्थईस्ट के हमारे उन लोगों की जो हमारे होकर भी खुद को हमारा नहीं समझते, क्यों नॉर्थईस्ट के लोग खुद को इंडिया का हिस्सा नहीं समझते? क्यों वहां के कुछ लोग इंडिया से अलग होना चाहते हैं? वहां शांति बहाल करने में दिक्कत क्या है? यही कहानी है अनेक की और ये कहानी कहनी बहुत जरूरी है. ये हमारे अपने लोगों की कहानी है, जिसे कहा जाना चाहिए और दमदार तरीके से कहा गया है. View this post on Instagram A post shared by Ayushmann Khurrana (@ayushmannk) कमी और ताकत- फिल्म की कमी ये है कि ये फिल्म थोड़ी हैवी और स्लो है. ये मसाला एंटरटेनटर नहीं है तो अगर आप मसाला फिल्मों को शौकीन हैं तो इस फिल्म से निराश हो सकते हैं. आपको फिल्म बोरिंग लग सकती है, लेकिन कहीं ना कहीं आप वो दर्द महसूस करते हैं जो ये फिल्म आपको महसूस करना चाहती हैं. एक सीन में जब हरियाणा की एक बॉक्सर एंड्रिया से कहती हैं कि इंडिया तेरे बाप का है तो एंड्रिया उसे पंच मारकर कहती हैं कि इंडिया किसी के बाप का नहीं हैं. इंडिया सबका है. ये कहानी हमारे अपने लोगों की है जिसे कहना जरूरी था और अच्छे से कहा गया है. बस ये फिल्म सबके लिए नहीं है, लेकिन अगर इस फिल्म की गहराई को समझेंगे तो आयुष्मान खुराना और डायरेक्टर अनुभव सिन्हा दोनों की तारीफ करेंगे.  डायरेक्शन- अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) का डायरेक्शन अच्छा है. बस वो फिल्म में अगर थोड़ा सा एंटरटेनिंग फैक्टर और ले आते तो इस फिल्म का दायरा बढ़ जाता है, लेकिन एक निर्देशक के लिए तौर पर ऐसी फिल्म में ये करना काफी मुश्किल था.    

कमी और ताकत- फिल्म की कमी ये है कि ये फिल्म थोड़ी हैवी और स्लो है. ये मसाला एंटरटेनटर नहीं है तो अगर आप मसाला फिल्मों को शौकीन हैं तो इस फिल्म से निराश हो सकते हैं. आपको फिल्म बोरिंग लग सकती है, लेकिन कहीं ना कहीं आप वो दर्द महसूस करते हैं जो ये फिल्म आपको महसूस करना चाहती हैं. एक सीन में जब हरियाणा की एक बॉक्सर एंड्रिया से कहती हैं कि इंडिया तेरे बाप का है तो एंड्रिया उसे पंच मारकर कहती हैं कि इंडिया किसी के बाप का नहीं हैं. इंडिया सबका है. ये कहानी हमारे अपने लोगों की है जिसे कहना जरूरी था और अच्छे से कहा गया है. बस ये फिल्म सबके लिए नहीं है, लेकिन अगर इस फिल्म की गहराई को समझेंगे तो आयुष्मान खुराना और डायरेक्टर अनुभव सिन्हा दोनों की तारीफ करेंगे.

 डायरेक्शन- अनुभव सिन्हा (Anubhav Sinha) का डायरेक्शन अच्छा है. बस वो फिल्म में अगर थोड़ा सा एंटरटेनिंग फैक्टर और ले आते तो इस फिल्म का दायरा बढ़ जाता है, लेकिन एक निर्देशक के लिए तौर पर ऐसी फिल्म में ये करना काफी मुश्किल था.

 

 

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