चक्रवात बिपरजॉय एक महत्वपूर्ण तूफान है जो विभिन्न भूमि और आबादी वाले क्षेत्रों को प्रभावित करता है। यह तूफान आमतौर पर उष्णकटिबंधीय मौसम की दरम्यान और समुद्री क्षेत्रों में विकसित होता है। इसके प्राकृतिक कारणों में वायुमंडलीय दबाव, उच्च तापमान, और जलवायु परिवर्तन शामिल होते हैं।
चक्रवात बिपरजॉय के विशेषताएं में तेज हवा की गति, घने बादल, भारी वर्षा, और तेज आंधीशाही शामिल हो सकती हैं। यह तूफान तेजी से विकसित होता है और दिनों तक बना रह सकता है, जिससे यह विस्तृत क्षेत्रों पर प्रभाव डाल सकता है।
चक्रवात बिपरजॉय के प्रभाव में आने से तटीय क्षेत्रों में तेज वर्षा, उच्च हवा की गति, और जल-जमाव का खतरा होता है। इसके परिणामस्वरूप, बाढ़, जमीनी स्लाइड, और जलप्रलय जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह तूफान शक्तिशाली हवाओं और तूफानी बहुतांशों के बाद भी विस्तार कर सकता है, जिससे यह पेड़-पौधों और इमारतों को नुकसान पहुंचा सकता है।
भारत में, चक्रवात बिपरजॉय से बचने के लिए मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। लोगों को मौसम की जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरणों का उपयोग करना चाहिए। यथासम्भव, अपनी सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए, जैसे कि उचित नियंत्रण और पहलू लेना, जिससे हम प्राकृतिक आपदाओं का प्रबंधन कर सकते हैं और जनता को सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
आगामी 16 व 17 जून को बिपरजॉय तूफान व भारी वर्षा के बाड़मेर पहुंचने की संभावना होने से सभी सतर्क रहे व राज्य सरकार द्वारा जारी गाईड लाईन की पालना करे। •
- अनावश्यक घरों से बाहर नहीं निकले ।
- मौसम विभाग. प्रशासन तथा पुलिस द्वारा दी गई चेतावनी. सावधानियां व निर्देशों का पालन करें ।
- घूमने फिरने एवं भ्रमण वाले स्थानों यथा तालाब, झील बांध के आसपास नहीं जाएं ।
- घरों में इमरजेंसी लाइट व मोबाईल फोन पूर्णतया चार्ज तथा चालू हालात में रखे
- टी.वी. समाचार पत्रों एवं सोशल मीडिया से लगातार संपर्क में रहे व प्रसारित संदेशो को सुने ।
- आंधी तूफान एवं बारिश के दौरान बड़े वृक्षों, पुराने जर्जर मकानों. कच्चे मकानों एवं होडिंग इत्यादि के नीचे शरण ना लेवें ।
- बाड़ो में रखे जाने वाले पालतू पशुओं यथा-गाय भैंस इत्यादि को तूफान के दौरान बिजली के पोल पेड आदि से बांधकर ना रखे ।
- किसी भी तरह की आशंका. संदेश या अनहोनी की सूचना तत्काल पुलिस नियंत्रण कक्ष को देवे ।
- अफवाहों से सावधान रहे एवं पुलिस नियंत्रण कक्ष से निम्नलिखित नंबरों पर पुष्टि करें
कंट्रोल रूम हेल्पलाइन
02988-221378 & 9413988077 & 02988-299010
- आंधी-बारिश-तुफान के मद्देनजर नियंत्रण कक्ष स्थापित
- उपभोक्ता विद्युत संबंधी शिकायत एवं विद्युत जनित घटना की दे सकेगे सूचना
- विभाग ने आमजन से विद्युत तंत्र, ट्रांसफॉर्मर के पास, विद्युत तार के नीचे कोई ठेले नहीं लगाने एवं निर्माण नहीं करने का किया आव्हान
- चक्रवाती तुफान बिपरजाॅय, आगामी बारिश के मौसम के मद्देनजर विद्यत आपूर्ति संबंधी शिकायतों व विद्युत तंत्र क्षतिग्रस्त संबंधी सूचनाओं के लिए डिस्काॅम द्वारा जिला मुख्यालय एवं खंड स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं।
- जोधपुर डिस्कॉम बाड़मेर के अधीक्षण अभियंता अजय माथुर ने बताया कि बाड़मेर जिले में इन दिनों जिले में चक्रवाती तुफान को लेकर मौसम विभाग द्वारा चेतावनी जारी की गई जिसमें भारी बारिश व आंधी चलने की संभावना हैं। इससे विद्युत तंत्र क्षतिग्रस्त होने एवं विद्युत आपूर्ति बाधित की समस्या के चलते उपभोक्ताओं की समस्या एवं शिकायतो के निराकरण के लिए नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं। जिसमें सभी आमजन व उपभोक्ताओं अपनी शिकायत निर्धारित नियंत्रण कक्ष में दर्ज कराकर समस्या का निस्तारण करा सकते हैं।
- उन्होने बताया कि वृत कार्यालय स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष के दूरभाष नंबर 02982-223788, 9413312601 हैं। जबकि बाड़मेर खंड कार्यालय स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क नंबर 9251646120 व 9251646121, बालोतरा खंड कार्यालय स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क नंबर 9251646122 व 9251646123, गुड़ामालानी खंड कार्यालय स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क नंबर 9251646126, 9251646127, सिवाना खंड कार्यालय स्तर पर स्थापित हेल्प डेस्क नंबर 9251646124 व 9251646125, टोल फ्री नंबर 18001806045 व वाट्स अप नंबर 9413359064 एवं 9414059075 पर आमजन अपनी विद्युत आपूर्ति संबंधी शिकायत दूरभाष पर या उपखण्ड कार्यालय स्तर पर संधारित शिकायत पंजिका में दर्ज कराकर उसका निस्तारण करा सकते हैं।
- विद्युत सिस्टम से दूरी रखे आमजनः
- अधीक्षण अभियंता ने बताया कि आंधी-बारिश व गर्मी बढ़ने के साथ ही विद्युत उपकरणों के अधिक गर्म होने के कारण उसमें आगजनी, शॉर्ट सर्किट व तार टूटने की घटनाए होती हैं। इसलिए आमजन विद्युत ट्रांसफॉर्मर के पास, विद्युत लाईनों के नीचे कोई हाथ ठेले, कोई झोंपे, कोई पशु बाड़े नहीं लगाए जाए। साथ ही कोई सामाजिक आयोजन नहीं किए जाए व वाहनों को भी विद्युत ट्रांसफॉर्मर व विद्युत तारों के पास खड़े नहीं किए जाए। उन्होने बताया कि विद्युत तंत्र से सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत तारों व ट्रांसफॉर्मर को नहीं छुए और विद्युत तंत्र से निर्धारित दूरी बनाकर रखते हुए विभाग से पूर्व अनुमति लेने के बाद ही किसी प्रकार का निर्माण कार्य किया जाए ताकि किसी प्रकार की विद्युत दुर्घटना घटित नहीं हो। इसके साथ ही साथ भारी वाहन व बस चालको से अपील की जाती हैं कि वह वाहनों की नयमानुसार उंचाई से अधिक उंचाई पर वाहनो को नहीं चलावें ताकि रोड़ क्रॉसिंग वाली विद्युत तंत्र से निर्धारित दूरी रखकर ही वाहन का संचालन हो और किसी भी प्रकार के विद्युत दुर्घटना से बचा जा सके।